विक्टोरिया मेमोरियल (Victoria Memorial)

 

विक्टोरिया मेमोरियल भारत के कोलकाता शहर में स्थित एक भव्य और प्रसिद्ध स्मारक है। इसका निर्माण ब्रिटिश काल के दौरान रानी विक्टोरिया की स्मृति में किया गया था। यह स्मारक भारतीय और यूरोपीय स्थापत्य शैलियों का अद्भुत संगम है, और इसे सफेद संगमरमर से बनाया गया है, जो इसे अत्यंत आकर्षक और भव्य बनाता है।


निर्माण और इतिहास:

विक्टोरिया मेमोरियल का निर्माण 1906 में शुरू हुआ और इसे 1921 में पूरा किया गया। इसका डिजाइन ब्रिटिश आर्किटेक्ट सर विलियम एमर्सन ने किया था। यह स्मारक रानी विक्टोरिया के शासनकाल की महानता और उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए बनाया गया था, जो 1837 से 1901 तक ब्रिटिश साम्राज्य की रानी रहीं। विक्टोरिया मेमोरियल का निर्माण लॉर्ड कर्जन, जो उस समय भारत के वायसराय थे, की पहल पर शुरू किया गया था।

वास्तुकला:

विक्टोरिया मेमोरियल की वास्तुकला इंडो-सरैसेनिक शैली में बनाई गई है, जिसमें मुगल और ब्रिटिश शैलियों का मिश्रण है। इसका मुख्य भवन सफेद मकराना संगमरमर से निर्मित है, जो इसे और भी शानदार बनाता है। स्मारक के ऊपर एक विशाल गुम्बद है, जिसके ऊपर एक देवी की मूर्ति लगी हुई है, जो "विक्टोरी" का प्रतीक है। चारों तरफ के गुंबद और बगीचे इसे एक राजसी रूप देते हैं। यह स्मारक लगभग 338 फीट लंबा और 228 फीट चौड़ा है।

विक्टोरिया मेमोरियल का निर्माण भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान रानी विक्टोरिया की स्मृति में हुआ था। इसके निर्माण का उद्देश्य न केवल रानी विक्टोरिया के प्रति सम्मान व्यक्त करना था, बल्कि ब्रिटिश साम्राज्य की शक्ति और शाही विरासत को भी प्रदर्शित करना था। इस स्मारक के निर्माण का इतिहास कई राजनीतिक और सांस्कृतिक घटनाओं से जुड़ा हुआ है।

प्रस्तावना और योजना:

रानी विक्टोरिया का निधन 22 जनवरी, 1901 को हुआ। उनके निधन के बाद भारत के तत्कालीन वायसराय, लॉर्ड कर्जन ने एक स्मारक बनाने का प्रस्ताव रखा, जो रानी विक्टोरिया की स्मृति को स्थायी रूप से बनाए रखेगा। कर्जन का विचार था कि यह स्मारक न केवल भारत के लिए एक सम्मान का प्रतीक होगा, बल्कि ब्रिटिश शासन की स्थिरता और महानता को भी उजागर करेगा।

लॉर्ड कर्जन ने 1901 में रानी विक्टोरिया के सम्मान में इस स्मारक की योजना की घोषणा की। इसके निर्माण के लिए उन्होंने एक बड़ी निधि स्थापित की, जिसमें पूरे भारत से धन एकत्र किया गया। इस परियोजना के लिए आवश्यक धनराशि न केवल ब्रिटिश अधिकारियों से बल्कि भारतीय रियासतों और अन्य प्रमुख व्यक्तियों से भी जुटाई गई। स्मारक के लिए योजना तैयार करने के बाद,                                                      सर विलियम एमर्सन को इसके वास्तुकार के रूप में नियुक्त किया गया।

निर्माण कार्य:

विक्टोरिया मेमोरियल का निर्माण कार्य औपचारिक रूप से 4 जनवरी, 1906 को शुरू हुआ। इसकी आधारशिला ब्रिटिश प्रिंस ऑफ वेल्स (बाद में किंग जॉर्ज V) द्वारा रखी गई थी। निर्माण के दौरान, इसे इंडो-सरैसेनिक स्थापत्य शैली में डिजाइन किया गया, जिसमें भारतीय और यूरोपीय शैलियों का मिश्रण था। निर्माण कार्य में मुख्य रूप से सफेद मकराना संगमरमर का उपयोग किया गया, जो राजस्थान से लाया गया था।

मुख्य आकर्षण:

विक्टोरिया मेमोरियल के अंदर एक संग्रहालय है, जिसमें ब्रिटिश काल की महत्वपूर्ण कलाकृतियों, चित्रों, मूर्तियों, दस्तावेजों और अन्य ऐतिहासिक वस्तुओं का संग्रह है। यहां रानी विक्टोरिया के शासनकाल से संबंधित वस्त्र, पेंटिंग्स, हथियार, किताबें और अन्य यादगार वस्तुएं देखी जा सकती हैं।

बगीचे और स्थल:

विक्टोरिया मेमोरियल का परिसर एक बड़े और सुंदर बगीचे से घिरा हुआ है, जिसे प्रसिद्ध बागवानी विशेषज्ञ सर डेविड प्रेन ने डिजाइन किया था। इसमें विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधे और फूल हैं, जो इसे एक शांति और सौंदर्य से भरा स्थान बनाते हैं। बगीचे में फव्वारे और मूर्तियों की श्रृंखला भी है, जो इसे एक आदर्श पर्यटन स्थल बनाते हैं।

महत्वपूर्ण मूर्तियां:

स्मारक के मुख्य भवन के बाहर कई प्रसिद्ध ऐतिहासिक हस्तियों की मूर्तियां हैं, जिनमें रानी विक्टोरिया की विशाल प्रतिमा भी शामिल है, जो एक सिंहासन पर बैठी हुई है। इसके अलावा लॉर्ड कर्जन, लॉर्ड डफरीन और अन्य प्रमुख ब्रिटिश नेताओं की मूर्तियां भी यहां स्थापित की गई हैं।

सांस्कृतिक महत्व:

विक्टोरिया मेमोरियल न केवल एक ऐतिहासिक स्मारक है, बल्कि यह कोलकाता और पूरे भारत की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक भी है। यह स्मारक ब्रिटिश भारत की शाही विरासत और भारतीय इतिहास के उस दौर का प्रतिनिधित्व करता है जब ब्रिटिश शासन का पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर प्रभुत्व था। यह भारतीय पर्यटन में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है और लाखों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।

वर्तमान स्थिति:

आज विक्टोरिया मेमोरियल एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण और संग्रहालय के रूप में कार्य करता है। यह भारत के इतिहास, संस्कृति और ब्रिटिश काल की धरोहर को संजोए हुए है। स्मारक के बगीचे और अंदरूनी संग्रहालय में हर साल लाखों लोग आते हैं और इसके भव्य स्थापत्य सौंदर्य और ऐतिहासिक महत्व का आनंद लेते हैं।

विक्टोरिया मेमोरियल से जुड़े कई रोचक तथ्य हैं जो इसके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को और अधिक दिलचस्प बनाते हैं। आइए, इसके कुछ प्रमुख रोचक तथ्यों पर नज़र डालते हैं:

1. विक्टोरिया मेमोरियल का उद्देश्य:

इसका मुख्य उद्देश्य रानी विक्टोरिया की स्मृति को संरक्षित करना और ब्रिटिश साम्राज्य की शाही विरासत को प्रदर्शित करना था। हालांकि, इसे ब्रिटिश शासन की शक्ति और भारत में उनके प्रभाव का प्रतीक भी माना जाता था।

2. निर्माण में लगने वाला समय:

विक्टोरिया मेमोरियल का निर्माण 15 वर्षों तक चला। इसकी आधारशिला 1906 में रखी गई थी, और इसका उद्घाटन 1921 में हुआ। यह निर्माण का एक लंबा दौर था, जो भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान हुआ।

3. स्थापत्य शैलियों का संगम:

विक्टोरिया मेमोरियल की वास्तुकला इंडो-सरैसेनिक शैली में बनाई गई है, जो भारतीय और यूरोपीय स्थापत्य शैलियों का मिश्रण है। इसमें मुगल शैली के गुंबद और छतरियां, और यूरोपीय शैली के स्तंभ और मेहराब एक साथ मिलते हैं।

4. "विक्ट्री की प्रतिमा":

स्मारक के ऊपर एक घूर्णनशील आधार पर स्थित "एंजल ऑफ विक्ट्री" की मूर्ति है। यह मूर्ति एक हाथ में ओलिव की टहनी पकड़े हुए है, जो शांति का प्रतीक है। यह प्रतिमा घूमने वाली है, जो हवा के साथ अपने आप दिशा बदलती है।

5. संगमरमर का उपयोग:

स्मारक का निर्माण राजस्थान के मकराना से लाए गए शुद्ध सफेद संगमरमर से किया गया था, वही संगमरमर जो ताजमहल के निर्माण में भी उपयोग किया गया था। इसका सफेद संगमरमर इसे खास और अद्वितीय रूप देता है।

6. प्रारंभिक निधि का स्रोत:

स्मारक के निर्माण के लिए आवश्यक धनराशि ब्रिटिश अधिकारियों और भारतीय रजवाड़ों द्वारा दान दी गई थी। इसमें कई भारतीय महाराजाओं और अमीर व्यक्तियों ने भी योगदान दिया था। इसमें ब्रिटिश सरकार की ओर से प्रत्यक्ष आर्थिक सहयोग नहीं किया गया था।

7. बगीचों का डिज़ाइन:

विक्टोरिया मेमोरियल के आसपास का बगीचा प्रसिद्ध ब्रिटिश बागवानी विशेषज्ञ सर डेविड प्रेन द्वारा डिजाइन किया गया था। बगीचे का क्षेत्रफल लगभग 64 एकड़ में फैला हुआ है और इसे सुंदर फव्वारों और मूर्तियों से सजाया गया है।

8. स्मारक का संग्रहालय:

विक्टोरिया मेमोरियल में एक संग्रहालय है, जिसमें 28,000 से अधिक कलाकृतियां संग्रहीत हैं। यह संग्रहालय रानी विक्टोरिया की शासनकाल से संबंधित वस्त्र, दस्तावेज, हथियार, पेंटिंग्स और ऐतिहासिक वस्तुओं को संरक्षित करता है। यहां प्रदर्शित चित्र रवींद्रनाथ टैगोर और विलियम डेनियल जैसे प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा बनाए गए हैं।

9. विक्टोरिया मेमोरियल और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम:

यह स्मारक ब्रिटिश शासन के दौरान निर्मित होने के कारण भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय एक प्रतीकात्मक स्थल के रूप में देखा गया था। कई स्वतंत्रता संग्रामियों ने इसे ब्रिटिश साम्राज्य की ताकत के प्रतीक के रूप में भी देखा।

10. स्मारक में लगी अन्य प्रमुख मूर्तियां:

विक्टोरिया मेमोरियल के बाहर विभिन्न प्रमुख ब्रिटिश हस्तियों की मूर्तियां भी स्थापित की गई हैं। इनमें रानी विक्टोरिया की एक विशाल प्रतिमा के साथ लॉर्ड कर्जन और अन्य ब्रिटिश नेताओं की मूर्तियां शामिल हैं।

11. रानी विक्टोरिया का सिंहासन:

स्मारक के संग्रहालय में रानी विक्टोरिया के सिंहासन की एक प्रतिकृति भी प्रदर्शित की गई है, जो उनके शाही वैभव और उनकी शासनकाल की प्रतिष्ठा को दर्शाती है।

12. रात के समय प्रकाश व्यवस्था:

विक्टोरिया मेमोरियल रात के समय बेहद सुंदर दिखाई देता है। इसे विशेष रूप से रात में रोशनी से सजाया जाता है, जो इसे और भी भव्य और राजसी बनाता है। इसका प्रतिबिंब आसपास के पानी में दिखाई देता है, जो एक अद्वितीय दृश्य उत्पन्न करता है।

13. स्मारक की लोकप्रियता:

यह स्मारक कोलकाता के सबसे प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है। हर साल लाखों लोग यहां आते हैं और इसकी भव्यता और ऐतिहासिक महत्व का आनंद लेते हैं।

विक्टोरिया मेमोरियल आज भी भारत के सबसे लोकप्रिय ऐतिहासिक स्थलों में से एक है और इसके बगीचे और संग्रहालय में हर साल लाखों पर्यटक आते हैं।



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