लाल किला ( Red Fort )

 लाल किला, जिसे "रेड फोर्ट" के नाम से भी जाना जाता है, भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित एक ऐतिहासिक दुर्ग है। यह किला भारत के इतिहास, वास्तुकला, और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। इसका निर्माण 17वीं शताब्दी में मुगल सम्राट शाहजहाँ द्वारा करवाया गया था। लाल किला का इतिहास मुगल साम्राज्य की शक्ति, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम, और आधुनिक भारत की विकास यात्रा को दर्शाता है।


लाल किला का इतिहास

1. निर्माण का उद्देश्य और योजना:

  • निर्माण का आरंभ: लाल किला का निर्माण मुगल सम्राट शाहजहाँ ने 1638 में शुरू करवाया था। उस समय शाहजहाँ ने अपनी राजधानी को आगरा से दिल्ली स्थानांतरित करने का निर्णय लिया था, और यहीं पर एक नए और भव्य किले का निर्माण करवाने का निश्चय किया।
  • निर्माण की समाप्ति: लाल किला का निर्माण कार्य 1648 में पूरा हुआ। इसे शाहजहाँ की नई राजधानी, शाहजहानाबाद, का प्रमुख दुर्ग और शाही निवास के रूप में डिजाइन किया गया था।
  • वास्तुकला: लाल किला का डिजाइन प्रमुख वास्तुकार उस्ताद अहमद लाहौरी ने तैयार किया था, जिन्होंने ताज महल का भी डिजाइन किया था। यह किला मुख्यतः लाल बलुआ पत्थर से निर्मित है, जिससे इसे लाल किला कहा जाता है। इसकी वास्तुकला मुगल शैली का अद्भुत उदाहरण है, जिसमें भारतीय, फारसी, और तुर्की वास्तुकला का सम्मिलन है।

2. मुगल शासनकाल में लाल किला:

  • शाही निवास: लाल किला मुगल सम्राटों का शाही निवास था, और यहाँ से मुगल साम्राज्य का शासन किया जाता था। इसके परिसर में दीवाने-आम (सार्वजनिक सभा) और दीवाने-खास (निजी सभा) जैसे महत्वपूर्ण स्थल स्थित थे, जहाँ सम्राट जनता और मंत्रियों से मिलते थे।
  • रंगमहल: किले के भीतर स्थित रंगमहल सम्राट की रानियों और उनके परिवारों के लिए आरक्षित था। इसमें खूबसूरत फव्वारे और नक्काशीदार दीवारें थीं, जो इसकी भव्यता को और बढ़ाती थीं।

3. लाल किला और मुगल साम्राज्य का पतन:

  • नादिर शाह का हमला (1739): 1739 में फारस के शासक नादिर शाह ने दिल्ली पर हमला किया और लाल किला पर कब्जा कर लिया। उसने किले के भीतर से अनमोल खजाने लूटे, जिनमें प्रसिद्ध मयूर सिंहासन (पीकॉक थ्रोन) भी शामिल था।
  • अंग्रेजों का कब्जा (1857 के बाद): 1857 के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के बाद, अंग्रेजों ने लाल किला पर कब्जा कर लिया। उन्होंने इसे अपनी सेना के लिए छावनी के रूप में इस्तेमाल किया और कई मुगल संरचनाओं को नष्ट कर दिया।

लाल किला की वास्तुकला और प्रमुख संरचनाएँ

1. मुख्य द्वार (लाहौरी गेट और दिल्ली गेट):

  • लाहौरी गेट: यह लाल किला का मुख्य प्रवेश द्वार है, जिसका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व है। भारत की स्वतंत्रता के बाद, हर वर्ष 15 अगस्त को भारत के प्रधानमंत्री यहाँ से राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और राष्ट्र को संबोधित करते हैं।
  • दिल्ली गेट: यह किले का दूसरा प्रमुख द्वार है, जो दक्षिण दिशा में स्थित है। इसे भी सुरक्षा और किले की भव्यता को ध्यान में रखते हुए बनाया गया था।

2. दीवाने-आम:

  • दीवाने-आम एक विशाल सभा स्थल है, जहाँ मुगल सम्राट अपने दरबारियों और जनता से मिलते थे। यह एक स्तंभों से घिरा हुआ हॉल है, जिसमें सम्राट का सिंहासन हुआ करता था। यहाँ न्यायिक और प्रशासनिक कार्य किए जाते थे।

3. दीवाने-खास:

  • दीवाने-खास वह स्थल था जहाँ सम्राट अपने मंत्रियों और विशिष्ट मेहमानों से मिलते थे। यह कक्ष विशेष रूप से शाही बैठकों और गोपनीय चर्चाओं के लिए था। इसकी छत पर कीमती धातुओं और पत्थरों का काम किया गया था। यहाँ पर ही प्रसिद्ध मयूर सिंहासन रखा गया था।

4. रंगमहल:

  • रंगमहल मुगल रानियों के रहने का स्थान था। इसकी दीवारों और छतों पर सुंदर चित्रकारी और नक्काशी की गई थी। इसके फर्श में लगे पानी के फव्वारे इसे एक शाही और आरामदायक स्थान बनाते थे।

5. मोती मस्जिद:

  • लाल किला के भीतर स्थित मोती मस्जिद, सम्राट और उनके परिवार के निजी उपयोग के लिए बनाई गई एक छोटी सी मस्जिद है। इसे शाहजहाँ के उत्तराधिकारी औरंगजेब ने बनवाया था। यह सफेद संगमरमर से निर्मित है और अपनी सादगी और शांति के लिए प्रसिद्ध है।

6. नहर-ए-बहिश्त:

  • नहर-ए-बहिश्त (स्वर्ग की नहर) किले के भीतर की एक महत्वपूर्ण विशेषता थी। यह एक जल प्रणाली थी, जो यमुना नदी से पानी लाकर किले के बगीचों और फव्वारों को जल प्रदान करती थी। इसका पानी महल के विभिन्न हिस्सों से होकर गुजरता था, जिससे शाही निवास में ताजगी बनी रहती थी।

7. हयात बख्श बाग:

  • यह किले के भीतर स्थित एक विशाल बगीचा था, जो मुग़ल बाग़ शैली का अद्भुत उदाहरण है। इसमें पानी की नहरें, फव्वारे और पेड़ों की कतारें इसे एक शांत और शाही स्थान बनाती थीं।

लाल किला का आधुनिक इतिहास

1. ब्रिटिश शासन और स्वतंत्रता संग्राम:

  • 1857 के विद्रोह के बाद, अंग्रेजों ने लाल किला पर कब्जा कर लिया और इसे अपनी सेना के मुख्यालय के रूप में इस्तेमाल किया। उन्होंने किले के कई हिस्सों को नष्ट कर दिया और वहाँ बैरक और अन्य सैन्य संरचनाएँ बनाईं।
  • लाल किला भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी एक महत्वपूर्ण प्रतीक रहा। 1945-46 में, ब्रिटिश सरकार ने भारतीय राष्ट्रीय सेना (INA) के सैनिकों पर यहाँ मुकदमा चलाया, जिसने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को और बल दिया।

2. स्वतंत्रता के बाद लाल किला:

  • 15 अगस्त, 1947 को भारत की स्वतंत्रता के बाद, प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने लाल किला के लाहौरी गेट से राष्ट्रीय ध्वज फहराया और यह परंपरा तब से हर वर्ष 15 अगस्त को जारी है।
  • लाल किला अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा संरक्षित किया जाता है और यह भारत के राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है। इसे 2007 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी गई।

3. लाल किला और संरक्षण प्रयास:

  • आधुनिक समय में लाल किला का संरक्षण और पुनर्स्थापना का कार्य बड़े पैमाने पर चल रहा है। इसके कई हिस्सों को पुनर्निर्मित किया गया है और इसे पर्यटकों के लिए खोला गया है। भारतीय स्वतंत्रता दिवस पर यहाँ विशेष सुरक्षा व्यवस्था की जाती है, और यह दिन देशभक्ति के साथ मनाया जाता है।

लाल किला से जुड़े कई रोचक तथ्य हैं जो इसे और भी खास बनाते हैं। ये तथ्य इसके ऐतिहासिक महत्व, स्थापत्य कला, और उससे जुड़ी घटनाओं से संबंधित हैं। आइए जानते हैं कुछ रोचक तथ्य:

1. लाल किला का असली नाम:

  • लाल किला का मूल नाम "किला-ए-मुबारक" था, जिसका अर्थ है "पवित्र किला"। मुगल सम्राट शाहजहाँ ने इसे अपनी नई राजधानी शाहजहानाबाद के केंद्र में बनवाया था। बाद में, इसके निर्माण में मुख्य रूप से लाल बलुआ पत्थर का उपयोग होने के कारण इसे "लाल किला" कहा जाने लगा।

2. यमुना नदी के किनारे:

  • लाल किला यमुना नदी के किनारे स्थित था, और किले का पूर्वी हिस्सा सीधे नदी से जुड़ा हुआ था। शाहजहाँ ने इस किले का निर्माण इस प्रकार से करवाया था कि किला यमुना नदी की ओर खुला रहे और प्राकृतिक जल प्रणाली का लाभ मिल सके। लेकिन समय के साथ, नदी का प्रवाह किले से दूर चला गया।

3. शाही सिंहासन - मयूर सिंहासन:

  • लाल किला में स्थित दीवाने-खास में कभी प्रसिद्ध "मयूर सिंहासन" रखा हुआ था। इस सिंहासन को सोने और बहुमूल्य रत्नों से सजाया गया था। सिंहासन के पीछे एक विशाल मयूर का चित्र था, जिसके कारण इसे "मयूर सिंहासन" कहा गया। इसे 1739 में फारस के शासक नादिर शाह ने दिल्ली पर हमले के बाद लूट लिया था।

4. आधुनिक भारत में लाल किला का महत्व:

  • स्वतंत्रता दिवस पर भारत के प्रधानमंत्री हर साल 15 अगस्त को लाल किले से राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और राष्ट्र को संबोधित करते हैं। यह परंपरा 15 अगस्त 1947 को जवाहरलाल नेहरू के पहले भाषण से शुरू हुई थी, जब उन्होंने भारत के स्वतंत्र होने की घोषणा की थी।

5. आर्किटेक्चरल मिश्रण:

  • लाल किला का डिजाइन केवल मुगल शैली का नहीं है। इसमें फ़ारसी, तुर्की और तैमूरी स्थापत्य शैलियों का भी सम्मिश्रण है। किले के बगीचे और अन्य संरचनाएं मुग़ल वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण हैं, लेकिन इनमें फ़ारसी और इस्लामी डिज़ाइन के प्रभाव भी साफ़ देखे जा सकते हैं।

6. बचाव की अद्वितीय योजना:

  • लाल किला न केवल एक शाही महल था, बल्कि इसे एक मजबूत किले के रूप में भी डिजाइन किया गया था। इसकी दीवारें लगभग 33 मीटर ऊँची हैं, जो किले को बाहरी आक्रमणों से बचाने के लिए बनाई गई थीं। इसके अलावा, किले की दीवारों में गुप्त सुरंगें भी थीं, जो युद्ध या आपातकालीन परिस्थितियों में सुरक्षा के लिए बनाई गई थीं।

7. ब्रिटिश छावनी:

  • 1857 के विद्रोह के बाद, अंग्रेजों ने लाल किला को अपनी छावनी में बदल दिया था। उन्होंने किले के कई हिस्सों को नष्ट कर दिया और वहाँ पर अपने सैनिकों के लिए बैरक बना दिए। स्वतंत्रता के बाद, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने इन क्षेत्रों की पुनर्स्थापना की।

8. रहस्यमयी दरवाजे:

  • लाल किला के भीतर कई गुप्त दरवाजे और मार्ग हैं, जो शाही परिवार की सुरक्षा के लिए बनाए गए थे। इन दरवाजों का उपयोग आपातकाल के समय राजसी परिवार को सुरक्षित रूप से बाहर निकालने के लिए किया जाता था। किले के कई हिस्से आज भी जनता के लिए बंद हैं और उनकी ऐतिहासिकता बनी हुई है।

9. यमुना नदी और जल आपूर्ति:

  • किले के अंदर पानी की आपूर्ति यमुना नदी से की जाती थी। "नहर-ए-बहिश्त" नामक एक जल प्रणाली के माध्यम से यह पानी किले के बगीचों और महलों में पहुंचाया जाता था। नहर-ए-बहिश्त का अर्थ "स्वर्ग की नहर" है, और यह मुग़ल वास्तुकला में जल प्रणाली की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।

10. लाल किला और भारतीय राष्ट्रीय सेना (INA):

  • द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भारतीय राष्ट्रीय सेना (INA) के तीन अधिकारियों पर 1945-46 में लाल किला में मुकदमा चलाया गया था। यह मुकदमा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है, जिसने पूरे देश में आजादी की भावना को और प्रबल किया।

11. दीवारों का रंग परिवर्तन:

  • लाल किला मूल रूप से सफेद रंग का था। यह किला सफेद चूना पत्थर से बना था, लेकिन समय के साथ सफेद चूना पत्थर खराब हो गया और ब्रिटिशों ने इसे लाल रंग से रंग दिया। इस वजह से इसे आज लाल किला कहा जाता है।

12. लाल किला का नकली शहर:

  • लाल किला केवल एक किला नहीं था, बल्कि इसके भीतर एक छोटा शहर भी बसा हुआ था। इसमें शाही परिवार, उनके दरबारियों और सेवकों के लिए आवासीय भवन, मस्जिदें, और बगीचे थे। किले के भीतर की यह पूरी व्यवस्था एक स्वायत्त शहर की तरह थी, जो शाही जीवनशैली को दर्शाती थी।

लाल किला इन सभी रोचक तथ्यों के कारण न केवल एक ऐतिहासिक स्मारक है, बल्कि यह भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है।


लाल किला का सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व

लाल किला भारतीय इतिहास का एक प्रमुख प्रतीक है। यह न केवल मुगल साम्राज्य की वास्तुकला और सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाता है, बल्कि यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और स्वतंत्र भारत के उदय का भी गवाह है। इसका महत्व भारतीय इतिहास, संस्कृति, और स्वतंत्रता आंदोलन में अटूट रूप से जुड़ा हुआ है।

लाल किला आज भी देश और दुनिया के लाखों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है, और यह भारतीय संस्कृति और इतिहास की एक अद्वितीय धरोहर के रूप में खड़ा है।



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