Hampi (हम्पी)
हम्पी का इतिहास:
हम्पी का इतिहास 14वीं से 16वीं शताब्दी के बीच के समय का है, जब यह विजयनगर साम्राज्य की राजधानी थी। यह साम्राज्य अपने समय में दक्षिण भारत के सबसे शक्तिशाली राज्यों में से एक था और अपनी समृद्धि, व्यापार, और सांस्कृतिक उन्नति के लिए प्रसिद्ध था। 1336 में हरिहर और बुक्का नामक दो भाइयों द्वारा विजयनगर साम्राज्य की स्थापना की गई थी, और हम्पी को इसकी राजधानी चुना गया।
हम्पी का संक्षिप्त इतिहास तिथियों सहित निम्नलिखित है:
1336 ई.: हरिहर और बुक्का नामक दो भाइयों द्वारा विजयनगर साम्राज्य की स्थापना की गई। हम्पी को साम्राज्य की राजधानी बनाया गया।
14वीं-16वीं शताब्दी: विजयनगर साम्राज्य अपने चरम पर था। हम्पी दक्षिण भारत के सबसे समृद्ध शहरों में से एक बन गया और इसका व्यापार यूरोप और एशिया तक फैला।
1510-1529 ई.: राजा कृष्णदेवराय का शासनकाल विजयनगर साम्राज्य का स्वर्ण युग माना जाता है। इस दौरान कई भव्य मंदिरों और महलों का निर्माण हुआ, जैसे विट्ठल मंदिर और कृष्ण मंदिर।
1565 ई.: तालीकोटा के युद्ध में विजयनगर साम्राज्य की हार हुई। दक्कन के सुल्तानों के गठबंधन ने हम्पी को नष्ट कर दिया। इसके बाद हम्पी वीरान हो गया और धीरे-धीरे अपना महत्व खो दिया।
1986 ई.: हम्पी को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी गई, जिससे इसके संरक्षण और पर्यटन में वृद्धि हुई।
हम्पी की स्थापत्य कला:
हम्पी की स्थापत्य कला अद्वितीय है और यह भारत की प्राचीन वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है। यहां मंदिरों, महलों, बाजारों, जलाशयों और अन्य संरचनाओं के अवशेष मिलते हैं, जो विजयनगर साम्राज्य की भव्यता का प्रमाण हैं। हम्पी में द्रविड़ स्थापत्य शैली का व्यापक रूप से उपयोग किया गया है, जिसमें विशाल पत्थरों और ग्रेनाइट का निर्माण में प्रयोग हुआ है।
प्रमुख स्थल और स्मारक:
1. विरुपाक्ष मंदिर:
विरुपाक्ष मंदिर हम्पी का सबसे प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है, जिसका निर्माण 7वीं शताब्दी में किया गया था, और यह विजयनगर साम्राज्य के समय में प्रमुख धार्मिक केंद्र रहा। मंदिर का मुख्य गोपुरम (द्वार) लगभग 50 मीटर ऊंचा है, और यह हम्पी के सबसे प्रमुख स्थलों में से एक है। यहां हर साल कई धार्मिक उत्सवों का आयोजन किया जाता है, जिसमें पर्यटक और श्रद्धालु बड़ी संख्या में आते हैं।
2. विट्ठल मंदिर:
यह मंदिर भगवान विष्णु के अवतार विट्ठल को समर्पित है और हम्पी की सबसे प्रसिद्ध संरचनाओं में से एक है। इस मंदिर की वास्तुकला और पत्थर की नक्काशी बेहद आकर्षक है। मंदिर के अंदर पत्थर से बना हुआ एक रथ (जिसे "हम्पी का पत्थर रथ" कहा जाता है) है, जो हम्पी के प्रमुख प्रतीकों में से एक है। यह रथ भारतीय 50 रुपये के नोट पर भी चित्रित है।
3. हेमकुटा हिल्स:
हेमकुटा पहाड़ी पर कई छोटे-छोटे मंदिर हैं, और यह स्थान एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यह पहाड़ी विरुपाक्ष मंदिर के पास स्थित है, और यहां से हम्पी के खूबसूरत दृश्य देखे जा सकते हैं। हेमकुटा हिल्स पर स्थित मंदिरों की वास्तुकला सरल और अद्वितीय है।
4. लक्ष्मी नरसिम्हा प्रतिमा:
यह हम्पी की सबसे बड़ी एकल पत्थर की मूर्ति है, जिसमें भगवान नरसिम्हा (भगवान विष्णु का एक अवतार) का चित्रण किया गया है। यह प्रतिमा लगभग 6.7 मीटर ऊंची है और 1528 में इसका निर्माण हुआ था।
5. हजारराम मंदिर:
हजारराम मंदिर विजयनगर के शाही परिवार का निजी पूजा स्थल था। इस मंदिर की दीवारों पर रामायण की कहानियों की नक्काशी की गई है, जो इस मंदिर को खास बनाती हैं। यह मंदिर स्थापत्य कला और धार्मिक महत्व का अद्वितीय उदाहरण है।
6. कृष्ण मंदिर:
यह मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है, और इसका निर्माण 1513 में विजयनगर के राजा कृष्णदेवराय ने किया था। मंदिर के मुख्य मंडप और दीवारों पर बहुत ही खूबसूरत नक्काशी और शिल्पकला की गई है।
7. कमल महल:
यह महल हम्पी के सबसे सुंदर संरचनाओं में से एक है। इसका निर्माण कमल के आकार में किया गया है, और यह कभी विजयनगर साम्राज्य के शाही परिवार की महिलाओं के लिए विश्राम स्थल हुआ करता था। महल की डिजाइन इंडो-इस्लामिक वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है।
8. रानी का स्नानागार (Queen's Bath):
यह स्नानागार रानी के लिए विशेष रूप से बनाया गया था। इसकी वास्तुकला बहुत ही प्रभावशाली है, जिसमें पानी के लिए अच्छी तरह से डिजाइन की गई नालियां और जलाशय हैं।
9. मातंगा पहाड़ी:
हम्पी के सबसे लोकप्रिय ट्रेकिंग स्थलों में से एक, मातंगा पहाड़ी से पूरे हम्पी का मनोरम दृश्य देखा जा सकता है। यह स्थान हम्पी की अद्भुत सुंदरता को निहारने के लिए बेहतरीन है, खासकर सूर्योदय और सूर्यास्त के समय।
10. मूलविरुपाक्ष मंदिर:
यह हम्पी के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है और हेमकुटा पहाड़ी पर स्थित है। यह भगवान शिव को समर्पित है और विरुपाक्ष मंदिर से पहले यहां पूजा होती थी।
हम्पी से जुड़े कई रोचक तथ्य हैं जो इसे एक अनोखा और महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल बनाते हैं। यहां कुछ प्रमुख रोचक तथ्य दिए गए हैं:
1. विजयनगर साम्राज्य की समृद्धि का केंद्र:
हम्पी एक समय में विजयनगर साम्राज्य की राजधानी थी और इसे उस समय के सबसे समृद्ध शहरों में से एक माना जाता था। यहां की व्यापारिक गतिविधियां इतनी समृद्ध थीं कि इसे "समृद्धि का नगर" कहा जाता था। इसके बाज़ारों में हीरे और रत्न खुलेआम बेचे जाते थे।
2. रामायण से संबंध:
हम्पी को प्राचीन हिंदू महाकाव्य रामायण से जोड़ा जाता है। इसे "किष्किंधा" का क्षेत्र माना जाता है, जो रामायण में वानरराज सुग्रीव और हनुमान की राजधानी थी। यहां के कई स्थल रामायण की घटनाओं से जुड़े माने जाते हैं।
3. पत्थर के रथ का अद्वितीय निर्माण:
हम्पी में स्थित विट्ठल मंदिर का पत्थर का रथ, हम्पी की सबसे प्रसिद्ध संरचनाओं में से एक है। यह रथ भारतीय 50 रुपये के नोट पर भी चित्रित है और इसे चट्टान से काटकर बनाया गया था। यह रथ असल में एक मंदिर है जो भगवान विष्णु को समर्पित है।
4. विरुपाक्ष मंदिर - सबसे प्राचीन कार्यरत मंदिर:
विरुपाक्ष मंदिर, जो भगवान शिव को समर्पित है, हम्पी का सबसे प्राचीन और सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यह मंदिर 7वीं शताब्दी से निरंतर सक्रिय है और आज भी यहां पूजा-अर्चना होती है।
5. बाज़ारों की अद्वितीय संरचना:
हम्पी के प्राचीन बाज़ार, जिन्हें "हाट" कहा जाता था, उनकी योजना और निर्माण बेहद विस्तृत था। बाज़ारों में लंबी गलियां और पथरीले पथ बने हुए हैं, जहां कभी व्यापारिक गतिविधियां चरम पर थीं।
6. जल प्रबंधन की अद्भुत प्रणाली:
हम्पी में जल प्रबंधन की अत्याधुनिक प्रणाली थी। यहां की जलाशय, नहरें, और भूमिगत जल संरचनाएं विजयनगर साम्राज्य की कुशलता को दर्शाती हैं। इनका उपयोग सिंचाई, जलापूर्ति, और पानी का पुनर्चक्रण करने के लिए किया जाता था।
7. ध्वनि तकनीक का उपयोग:
हम्पी के कुछ मंदिरों में ध्वनि तकनीक का अद्भुत उपयोग किया गया है। विट्ठल मंदिर के स्तंभों को "संगीत स्तंभ" कहा जाता है, क्योंकि जब उन्हें थपथपाया जाता है तो वे अलग-अलग संगीत सुरों को उत्पन्न करते हैं।
8. 1565 में तालीकोटा का युद्ध:
हम्पी के पतन का मुख्य कारण 1565 में हुआ तालीकोटा का युद्ध था, जिसमें विजयनगर साम्राज्य की हार हुई थी। दक्कन के सुल्तानों ने हम्पी को पूरी तरह से नष्ट कर दिया, जिसके बाद यह नगर वीरान हो गया।
9. धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता:
हम्पी में न केवल हिंदू धर्म के मंदिर हैं, बल्कि इस्लामी शैली की वास्तुकला वाले कुछ संरचनाएं भी मौजूद हैं। यह विजयनगर साम्राज्य के धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण और सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है।
10. शक्ति का प्रतीक - मातंगा हिल्स:
हम्पी में स्थित मातंगा पहाड़ी को पौराणिक महत्व प्राप्त है। यह स्थान भगवान हनुमान से जुड़ा हुआ माना जाता है और यहां से हम्पी का शानदार दृश्य देखा जा सकता है। पहाड़ी पर चढ़ाई करना पर्यटकों के बीच एक प्रमुख गतिविधि है।
11. जटायु के पतन की कथा:
रामायण की एक और कथा के अनुसार, हम्पी के पास स्थित "अनजनाद्री पर्वत" को जटायु के पतन का स्थल माना जाता है, जो सीता को बचाने की कोशिश में घायल हो गए थे।
12. पत्थरों से बना किला:
हम्पी के चारों ओर फैले बड़े-बड़े पत्थरों से निर्मित प्राकृतिक संरचनाओं का उपयोग किलेबंदी के रूप में किया गया था। इन पत्थरों को सामरिक रूप से विजयनगर साम्राज्य की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किया गया था।
हम्पी का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व:
हम्पी न केवल अपने स्थापत्य कला और ऐतिहासिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह एक प्रमुख धार्मिक स्थल भी है। यहां कई महत्वपूर्ण मंदिर हैं, जहां हर साल हजारों श्रद्धालु आते हैं। हम्पी को रामायण से भी जोड़ा जाता है, क्योंकि माना जाता है कि यह क्षेत्र किष्किंधा का हिस्सा था, जो रामायण के अनुसार वानरों का राज्य था।
हम्पी महोत्सव:
हम्पी महोत्सव, जिसे "विजय उत्सव" के नाम से भी जाना जाता है, हर साल नवंबर में आयोजित होता है। यह महोत्सव हम्पी की सांस्कृतिक धरोहर और ऐतिहासिक महत्व को समर्पित होता है। इस दौरान नृत्य, संगीत, नाटक और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जो पर्यटकों के लिए एक विशेष आकर्षण होते हैं।
यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल:
हम्पी को 1986 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी गई थी। यह स्थल अपनी अद्वितीय स्थापत्य कला, ऐतिहासिक धरोहर और धार्मिक महत्व के कारण विश्वभर में प्रसिद्ध है।
हम्पी का महत्व:
हम्पी का महत्व केवल उसके ऐतिहासिक धरोहर में ही नहीं, बल्कि उसकी सांस्कृतिक, धार्मिक और स्थापत्य विशेषताओं में भी है। यह स्थल विजयनगर साम्राज्य की समृद्धि और वैभव का प्रमाण है, और यहां के मंदिर, महल और अन्य संरचनाएं उस समय की शिल्पकला और स्थापत्य के अद्वितीय उदाहरण हैं।
पर्यटन:
हम्पी आज भी एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जहां देश-विदेश से लोग इसकी ऐतिहासिक धरोहर और धार्मिक महत्व को देखने आते हैं। यहां की वास्तुकला, मूर्तिकला, और प्राकृतिक सुंदरता इसे एक अद्वितीय स्थल बनाते हैं। हम्पी की संरचनाओं के अवशेष अब भी उस समय के वैभव और शिल्पकला को दर्शाते हैं, और इसे भारत के सबसे महत्वपूर्ण सांस्कृतिक स्थलों में से एक माना जाता है।
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