आगरा किला (Agra Fort)

आगरा किला भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में यमुना नदी के किनारे स्थित एक ऐतिहासिक दुर्ग है। यह किला आगरा शहर के केंद्र में स्थित है और मुग़ल साम्राज्य के समय की एक महत्वपूर्ण धरोहर है। इसका निर्माण मुगल सम्राट अकबर ने 1565 ई. में करवाया था। यह किला यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है।

आगरा किला मुग़ल साम्राज्य का एक महत्वपूर्ण स्थल है, जिसका इतिहास भारत की राजनीति, कला और संस्कृति के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है। इसका निर्माण और महत्व मुग़ल काल के दौरान अनेक महत्वपूर्ण घटनाओं से संबंधित रहा है।

आगरा किले का इतिहास

  1. अकबर का शासन (1556-1605):
    • आगरा किला मुग़ल सम्राट अकबर द्वारा 1565 ई. में बनवाया गया। उस समय आगरा भारत का एक प्रमुख राजनीतिक और सैन्य केंद्र था।
    • अकबर ने किले को एक सैन्य गढ़ के रूप में स्थापित किया और इसे इस्लामी एवं हिंदू स्थापत्य का अद्वितीय मिश्रण देते हुए मजबूत दीवारों से घेरा।
    • किले का निर्माण आरंभिक दौर में लाल बलुआ पत्थर से किया गया, जो उस समय की प्रमुख निर्माण सामग्री थी।
  2. जहाँगीर और शाहजहाँ का शासन (1605-1658):
    • जहाँगीर के समय में आगरा किले का और विस्तार किया गया। उसने जहाँगीर महल का निर्माण करवाया, जो उसकी बेगमों के लिए था।
    • शाहजहाँ के शासनकाल में आगरा किले में संगमरमर का प्रयोग बढ़ा। उसने शीश महल, मोती मस्जिद, दीवान-ए-खास और खास महल का निर्माण करवाया।
    • शाहजहाँ की पत्नी मुमताज़ महल की याद में ताजमहल का निर्माण भी इसी समय हुआ। आगरा किला इस अवधि में मुग़ल वास्तुकला का शिखर बन गया।
  3. औरंगज़ेब का शासन (1658-1707):
    • औरंगज़ेब ने अपने पिता शाहजहाँ को बंदी बना लिया और उसे आगरा किले में कैद कर दिया। कहा जाता है कि शाहजहाँ अपनी कैद के दौरान ताजमहल को देखकर अपने जीवन के अंतिम दिन बिताए।
    • औरंगज़ेब ने किले में सैन्य गतिविधियों को और बढ़ाया और इसे और अधिक सुदृढ़ किया।
  4. मुग़ल साम्राज्य के पतन के बाद:
    • मुग़ल साम्राज्य के पतन के बाद, आगरा किला मराठों के अधीन आ गया। 18वीं शताब्दी में मराठों और अंग्रेज़ों के बीच हुए युद्धों के दौरान किला अंग्रेज़ों के कब्जे में चला गया।
    • अंग्रेज़ों ने इसे अपने सैन्य गढ़ के रूप में इस्तेमाल किया और यहाँ कई संरचनाओं में बदलाव किए। इसके बावजूद, किले की मूल वास्तुकला और निर्माण शैली ज्यादातर बरकरार रही

निर्माण और वास्तुकला

आगरा किला लाल बलुआ पत्थर से निर्मित है, इसलिए इसे "लाल किला" भी कहा जाता है। यह एक अर्धवृत्ताकार संरचना है, जिसका फैलाव लगभग 94 एकड़ भूमि में है। किले के चारों ओर 70 फुट ऊँची दीवार है, और इस दीवार में दो बड़े प्रवेश द्वार हैं: दिल्ली गेट और अमर सिंह गेट। पहले दिल्ली गेट मुख्य प्रवेश द्वार था, लेकिन अब अमर सिंह गेट को प्रवेश द्वार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

किले की दीवारें और इसके भीतर के भवन अत्यधिक सुंदर और भव्य वास्तुकला के उदाहरण हैं, जिसमें इस्लामी और हिन्दू स्थापत्य का अद्वितीय मिश्रण देखने को मिलता है। किले में मुग़ल साम्राज्य की विभिन्न पीढ़ियों ने अलग-अलग इमारतों का निर्माण करवाया था, जिनमें जहाँगीर महल, खास महल, शीश महल, अंगूरी बाग़ और दीवान-ए-खास शामिल हैं।

प्रमुख इमारतें

  1. दीवान-ए-आम: यहाँ पर सम्राट आम जनता से मिलता था और उनकी समस्याओं का समाधान करता था। यह एक विशाल सभा भवन है, जिसमें खुली जगह और स्तंभयुक्त गलियारे हैं।

  2. दीवान-ए-खास: यह वह स्थान था जहाँ सम्राट खास अतिथियों और अपने दरबारियों से मिलता था। यहाँ पर सम्राट की गद्दी हुआ करती थी और यह भवन अपने जटिल नक्काशी और संगमरमर की सजावट के लिए प्रसिद्ध है।

  3. जहाँगीर महल: यह महल अकबर ने अपने पुत्र जहाँगीर के लिए बनवाया था। यह महल हिंदू और मुगल स्थापत्य का मिश्रण है और इसकी सुंदर बालकनियाँ और आंगन विशेष आकर्षण का केंद्र हैं।

  4. शीश महल: शीश महल, जो दर्पणों से सजाया गया है, मुग़ल राजाओं के लिए विशेष स्नानागार के रूप में इस्तेमाल होता था। इसमें काँच की सजावट देखने लायक है।

  5. मोती मस्जिद: आगरा किले के अंदर स्थित इस मस्जिद का निर्माण शाहजहाँ ने करवाया था। इसे सफेद संगमरमर से बनाया गया है और इसकी खूबसूरती इसे "मोती" जैसा चमकदार बनाती है, इसलिए इसका नाम "मोती मस्जिद" पड़ा।

  6. अंगूरी बाग़: यह एक सुंदर बाग़ है, जहाँ मुग़ल सम्राट और उनके परिवार के सदस्य आराम करते थे। यहाँ पर अंगूर की बेलें लगाई जाती थीं, इसलिए इसका नाम "अंगूरी बाग़" रखा गया।

महत्वपूर्ण तथ्य

  1. संरचना और आकार:

    • आगरा किला लगभग 94 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है।
    • इसकी दीवारें 70 फुट ऊँची हैं और इसके भीतर करीब 500 भवन हुआ करते थे, जिनमें से अधिकांश अब नष्ट हो चुके हैं।
    • किले के मुख्य द्वारों में से एक "दिल्ली गेट" है, जो अब पर्यटकों के लिए बंद है, जबकि "अमर सिंह गेट" प्रवेश का मुख्य द्वार है।
  2. किले के भीतर की वास्तुकला:

    • यहाँ दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास, मोती मस्जिद, खास महल, शीश महल, जहाँगीर महल जैसी भव्य संरचनाएँ हैं, जो मुग़ल स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
    • किले में संगमरमर, बलुआ पत्थर और काँच के महीन काम का अद्वितीय संयोजन देखने को मिलता है। खासतौर से शाहजहाँ के शासनकाल में संगमरमर का अधिक प्रयोग हुआ।
  3. आगरा किले का सामरिक महत्व: 

    • किला एक मजबूत किलेबंदी थी और इसका उपयोग मुग़ल सेना द्वारा रक्षा के लिए किया जाता था। इसके चारों ओर एक गहरी खाई थी, जो यमुना नदी से जुड़ी थी।
    • यहाँ विभिन्न राज्यों और शासकों द्वारा समय-समय पर युद्ध लड़े गए थे, और यह किला कई बार सैन्य संघर्षों का केंद्र बना।
  4. विश्व धरोहर स्थल:

    • 1983 में आगरा किला को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी गई। इसका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व इसे भारत के सबसे प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक बनाता है।
  5. शाहजहाँ की कैद:

    • आगरा किले का एक दिलचस्प पहलू यह है कि मुग़ल सम्राट शाहजहाँ अपने जीवन के अंतिम आठ वर्ष यहाँ कैद में रहे थे। उसे उसके पुत्र औरंगज़ेब ने बंदी बना लिया था। कहा जाता है कि शाहजहाँ अपनी कैद के दौरान मुमताज़ की याद में बने ताजमहल को देखकर दिन बिताया करते थे।
  6. किले का आधुनिक महत्व:

    • आगरा किला आज भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित है। इसे एक प्रमुख पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया गया है, और हर साल हजारों पर्यटक इसे देखने आते हैं।

ऐतिहासिक महत्व

आगरा किले का इतिहास मुग़ल साम्राज्य की राजनीति और उनके उतार-चढ़ाव से जुड़ा हुआ है। इसे अकबर, जहाँगीर, शाहजहाँ और औरंगज़ेब जैसे महत्वपूर्ण मुग़ल सम्राटों का निवास स्थान माना जाता था। शाहजहाँ को उनके पुत्र औरंगज़ेब ने इसी किले में बंदी बना दिया था, जहाँ से उन्होंने अपनी अंतिम समय तक ताजमहल का दीदार किया था।

आगरा किला भारतीय इतिहास और संस्कृति का एक अमूल्य धरोहर है। इसका निर्माण, विस्तार और उसमें घटित ऐतिहासिक घटनाएँ मुग़ल काल की राजनीति, कला और वास्तुकला की उत्कृष्टता को दर्शाती हैं।

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